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आवेश की परिभाषा, आवेश के गुण, SI , CGS इकाई मात्रक



आवेश की परिभाषा क्या है electric charge in hindi , आवेश के गुण , SI , CGS इकाई मात्रक

आवेश की परिभाषा क्या है electric charge in hindi , आवेश के गुण , SI , CGS इकाई मात्रक

electric charge विद्युत आवेश की परिभाषा क्या है –  

  • विद्युत आवेश : प्रसिद्ध वैज्ञानिक थेल्स (thales) ने बताया की जब काँच की छड़ को रेशम के कपडे से रगड़ा जाता है तो कांच की छड़ रगड़न के बाद छोटे छोटे कणों , कागज़ के टुकड़े इत्यादि को चिपकाना प्रारम्भ कर देता है , घर्षण प्रक्रिया (रगड़ना) के बाद पदार्थ सामान्य की तुलना में कुछ अलग व्यवहार प्रदर्शित करता है और पदार्थ के इस विशेष गुण को ‘विधुत आवेश ‘ नाम दिया गया।
  • पदार्थ द्वारा आवेश (विशेष गुण) ग्रहण करने के पश्चात पदार्थ को आवेशित पदार्थ कहा जाता है।
  • आवेश क्या है ?
  • किसी भी पदार्थ के निर्माण के लिए मूल कणो में से आवेश भी एक है , हालांकि आवेश की कोई निर्धारित परिभाषा (definition) नहीं है लेकिन आवेश को इसके (आवेश) के द्वारा उत्पन्न प्रभावों के माध्यम से समझाया जाता है।
  • आवेश एक द्रव्य पर उपस्थित वह गुण है जिसके कारण वह द्रव्य चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है या इन क्षेत्रों का अनुभव करता है।
  • उदाहरण :
  • कांच की छड़ को जब रेशम के कपडे से रगड़ा जाता है तो कांच की छड़ पर धन आवेश तथा रेशम के कपडे पर ऋण आवेश आ जाता है।
  • विद्युत आवेश : द्रव्य के साथ जुड़ी हुई वह अदिश भौतिक राशि है जिसके कारण चुम्बकीय और वैद्युत प्रभाव उत्पन्न होते है , आवेश कहलाती है। किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉनों को अधिकता अथवा कमी से आवेश की अभिधारणा प्राप्त होती है। ऋणावेशित वस्तु में इलेक्ट्रॉनों की अधिकता व धनावेशित वस्तु में इलेक्ट्रॉनो की कमी होती है।

आवेश के गुण

1. समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित तथा असमान आवेश आकर्षित करते है। वस्तुओं के आवेशित होने का सही परिक्षण प्रतिकर्षण के द्वारा ही होता है क्योंकि अनावेशित वस्तु और आवेशित वस्तु के मध्य आकर्षण हो सकता है तथा दो विपरीत आवेशित वस्तुओं के मध्य भी आकर्षण होता है।
2. आवेश एक अदिश राशि है।
3. आवेश सदैव द्रव्यमान से सम्बद्ध रहता है। आवेशित किये जाने पर वस्तु का द्रव्यमान परिवर्तित होता है। यदि वस्तु से इलेक्ट्रॉन हटा लिए जाए तो वस्तु धनावेशित हो जाएगी और उसका द्रव्यमान कम हो जायेगा तथा वस्तु में इलेक्ट्रॉन डाल दिए जाए तो वस्तु का द्रव्यमान बढ़ जायेगा और वस्तु ऋणावेशित हो जाएगी। इलेक्ट्रॉनों का द्रव्यमान अतिन्यून (9.1 x 10-31 किलोग्राम ) होने के कारण वस्तु के द्रव्यमान की तुलना में उसे आवेशित किये जाने पर द्रव्यमान में परिवर्तन नगण्य होता है।

 

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