Rajasthan Lok Devta , Abhushan And Phanawa PDF
Rajasthan Lok Devta , Abhushan And Phanawa PDF
राजस्थान के लोक देवता , आभूषण और पहनावा
Rajasthan Lok Devta
बाबा मामादेव जी
मामादेव राजस्थान में एकमात्र ऐसे लोकदेवता हैं जिनकी मूर्ति न होकर काष्ठ का एकमात्र तोरण होता हैं ।
इनका प्रमुख मंदिर स्यालोदड़ा (सीकर) में है, जहाँ प्रतिवर्ष रामनवमी को मेला लगता है ।
मामादेव बरसात के लोक देवता के रूप में प्रसिद्ध हैं ।
इनकी मूर्ति विशेषत: शेखावाटी क्षेत्र में गाँव के बाहर होती है ।
वीर बिग्गाजी/बग्गाजी
बिग्गाजी का जन्म रिडी गाँव जागलप्रदेश (बीकानेर) के जाट परिवार में हुआ था ।
इनके पिता का नाम राव मोहन एवं माता का नाम सुल्तानी था ।
वीर बिग्गाजी जाखड समाज के कुल देवता हैं ।
वीर फत्ता जी
वीर फत्ता जी का जन्म साथू गाँव (जालौर) के ही गज्जारणी परिवार में हुआ था ।
सांथू गाँव में फत्ता जी का एक विशाल मंदिर है, जहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल नवमी को विशाल मेला लगता है ।
पनराज जी
वीर पनराज जी का जन्म नगा गाँव (जैसलमेर) में क्षत्रिय परिवार में हुआ था ।
पनराज जी का मुख्य स्थल पनराजसर में है ।
पनराज की याद में जैसलमेर जिले के पनराजसर गाँव में वर्ष में दो बार भाद्रपद सुदी दशमी और माघ सुदी दशमी को मेला भरता है ।
भूरिया बाबा (गौतमेश्वर)
भूरिया बाबा मीणा जाति के लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं ।
मीणा जाति के लोग भूरिया बाबा की कभी भी झूटी कसम नहीं खाते है ।
गौतमेश्वर महादेव ( भूरिया बाबा) का प्रसिद्ध मंदिर प्रतापगढ व सिरोही में स्थित है ।
इनका मुख्य स्थल डूंगरपुर जिले में है ।
बाबा झूंझार जी
बाबा झूंझार जी का जन्म सीकर क्षेत्र के इमलोहा कस्बे में राजपूत परिवार में हुआ ।
इनका थान प्राय: खैजडी के पेड़ के नीचे होता है ।
17 वीं शताब्दी से पूर्व एक बार मुस्लिम लुटेरे गाँव में घुस आये तब लडते-लडते एक ही परिवार के तीन सगे भाईयों के शीश कट गये, परन्तु उसके धड़ दुश्मनों से निरन्तर लडते रहे ।
डूंगजी-जवाहर जी
डूंगजी जवाहर जी दोनों चाचा भतीजा धनी लोगों (धाडायती) से धन लूटकर उनका धन गरीबों जरूरत मंदों में बांट दिया करते थे ।
इनका जन्म बाठौठ-पाटोदा (सीकर) में हुआ था । डूंगजी-जवाहर जी का मुख्य स्थल भी बाठौठ-पाटोदा (सीकर) में है ।
शेखावाटी के लोग डूंग जी - जवाहर जी की पूजा लोक देवता के रूप में करते है ।
डूंग जी जवाहर जी को बलजी - भूरजी के उपनाम से भी जाना जाता हैं ।
इलोजी
मारवाड़ में ये छेडछाड के अनोखे लोक देवता के रूप में पूज्य है ।
मारवाड़ में इनके बारे में मान्यता हैं कि ये अविवाहिता को दुल्हन, नव दम्पत्तियों को सुखद ग्रहस्थ जीवन और बांझ स्त्रियों को संतान देने में सक्षम है । जबकि ये स्वयं जीवनभर कुंवारे रहे ।
इलोजी राजा हिरण्य कश्यप के बहनोई थे ।
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राजस्थान के आभूषण और पहनावा
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