आनुवांशिकी (Genetics) PDF In Hindi
आनुवांशिकी (Genetics)
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आनुवांशिकी (Genetics)-
जीवविज्ञान
की वह शाखा जिसमें
सजीवों के लक्षणों की
वंशागति एवं विभिन्नताओं का अध्ययन किया
जाता है, उसे आनुवांशिकी कहते हैं । जेनेटिक्स (Genetics) शब्द का
प्रयोग सर्वप्रथम बेटसन ने सन् 1906 में
किया।
आनुवांशिक लक्षण-
सजीवों
में लैंगिक जनन की क्रिया के
समय युग्मकों द्वारा विभिन्न लक्षणों का पीढ़ी दर
पीढ़ी संचरण होता रहता है, इन लक्षणों को
आनुवांशिक लक्षण कहते हैं।
वंशागति (Heredity)-
इन
आनुवांशिक लक्षणों का जनक पीढ़ी
से संतति पीढ़ी में संचरण ही वंशागति कहलाता
है। हेरिडिटी (Heredity) शब्द का
प्रतिपादन स्पेन्सर (Spencer) ने 1863 में किया।
विभिन्नताएँ (Variations)-
लैंगिक
जनन के दौरान जीन
विनिमय (Crossing
over) होने के कारण एक
ही जाति के सजीवों के
मध्य परस्पर विभिन्नताएँ पाई जाती हैं।
ग्रेगर जॉन मेण्डल (Greger Johann
Mendal) को आनुवांशिकी का जनक (Father of Genetics) कहते हैं क्योंकि इन्होंने सर्वप्रथम पादपों में | वंशागति के नियमों का
प्रतिपादन किया।
मेण्डलवाद
(Mendalism)-
मेण्डल
द्वारा उद्यान मटर पर किये गये
प्रयोगों के परिणाम के
आधार पर आनुवांशिकता के
नियमों का प्रतिपादन किया
गया, जिन्हें मेण्डलवाद (Mendalism) भी कहते हैं।
मेण्डलवाद की पुनः खोज
(Rediscovery of Mendalism)ह्यूगो
डी वीज, कार्ल कोरेन्स एवं एरिक वॉन शेरमेक ने पृथक्-पृथक्
रूप से कार्य करते
हुए 1900 में मेण्डल के नियमों की
पुनः खोज की।
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